उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग विकराल रूप लेती जा रही है. वनाग्नि पर काबू पाने में वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं. इस साल वनाग्नि में अभीतक लाखों रुपए की वन संपदा जलकर खाक हो चुकी है. वहीं वन्यजीवों की जान को भी खतरा बना हुआ है. यही कारण है कि अब जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है. एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से जंगलों में पानी बरसाया जा रहा है, ताकि जंगलों की आग पर काबू पाया जा सके. शनिवार सुबह वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरा और नैनीताल जिले के पाइंस क्षेत्र में आग बुझाई. दरअसल, नैनीताल शहर से लगे पाइंस, भूमियाधार, ज्योलिकोट, नारायणनगर, भवाली, रामगढ़ और मुक्तेश्वर आदि के जंगल बीते कई दिनों धधक रहे हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद भी वन विभाग, फायर ब्रिगेड और प्रशासन वनाग्गि पर काबू नहीं पा रहे हैं. वहीं जंगलों की आग अब धीरे-धीरे रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ रही है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन के आलाधिकारियों के साथ बैठक की और वायु सेना से मदद लेने का निर्णय लिया. उत्तराखंड सरकार के निवेदन पर शुक्रवार शाम को वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर नैनीताल पहुंचा. शनिवार को हवा और पानी की व्यवस्था देखने के बाद लगभग सुबह सात बजे वायुसेना ने अपना मिशन शुरू किया. वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से भीमताल झील से बकेट (बाल्टी) में पानी भरा गया और जंगलों में लगी आग को बुझाने का काम किया गया. बता दें कि इससे पहले 2019 और 2021 में इसी तरह की स्थिति बन गई थी. तब भी राज्य सरकार ने वायुसेना की मदद ली थी और एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से जंगलों की आग पर काबू पाया गया था.